Government Banks in India 2025: भारत के सरकारी बैंको की पूरी लिस्ट और ज़रूरी जानकारी यहां देखें।

Government Banks in India 2025: भारत के सरकारी बैंको की पूरी लिस्ट और ज़रूरी जानकारी यहां देखें।

भारत में सरकारी बैंक हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। आज की तारीख में भारत में 12 सरकारी बैंक काम कर रहे हैं। इन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी कहा जाता है, क्योंकि इनका मालिकाना हक़ और संचालन भारत सरकार के पास है।

ये बैंक आम लोगों से लेकर छोटे व्यवसायों और बड़े उद्योगों तक, सभी को बचत खाते, ऋण सुविधा, बीमा और वित्तीय समावेशन जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।

इस लेख में हम आपको 2025 में भारत के सभी सरकारी बैंकों की पूरी लिस्ट देंगे। साथ ही जानेंगे कि इन बैंकों की क्या खासियत है, इनकी बाजार में स्थिति कैसी है और देश की अर्थव्यवस्था में इनकी क्या भूमिका रहती है।

भारत में सरकारी बैंक 2025

भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में सरकारी बैंक (Public Sector Banks) की बड़ी भूमिका है। सरल शब्दों में कहें तो ये ऐसे बैंक हैं जिनमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है। आज (2025 तक) भारत में कुल 12 सरकारी बैंक काम कर रहे हैं।

ये बैंक आम लोगों के लिए बचत खाता खोलने, लोन लेने, डिजिटल बैंकिंग, किसान क्रेडिट कार्ड, जन-धन योजना जैसी सेवाओं में अहम योगदान देते हैं।

भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक – एसबीआई

सभी सरकारी बैंकों में सबसे बड़ा नाम है भारतीय स्टेट बैंक (SBI)। इसकी शुरुआत 1806 में बैंक ऑफ कलकत्ता के रूप में हुई थी। आज यह न सिर्फ भारत का सबसे पुराना बल्कि सबसे बड़ा बैंक भी है।

शाखाएँ: 22,500 से ज़्यादा

एटीएम: लगभग 65,000

कस्टमर सर्विस प्वाइंट (सीएसपी): 85,000+

आज SBI को “देश का सबसे बड़ा ऋणदाता” भी कहा जाता है क्योंकि इसका मार्केट कैप और ग्राहक आधार सबसे ज्यादा है।

2025 में भारत के सरकारी बैंकों की सूची

वर्तमान समय में 12 राष्ट्रीयकृत बैंक भारत में काम कर रहे हैं।

1. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India)

2. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)

3. पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)

4. बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India)

5. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India)

6. केनरा बैंक (Canara Bank)

7. बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra)

8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India)

9. इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank)

10. इंडियन बैंक (Indian Bank)

11. यूको बैंक (UCO Bank)

12. पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank)

सरकारी बैंकों की खासियतें

सरकार का भरोसा और सुरक्षा

ग्रामीण इलाकों तक पहुंच

कम ब्याज दरों पर लोन

सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ (जैसे जन-धन, पेंशन योजना)

डिजिटल और मोबाइल बैंकिंग सेवाएँ

भारतीय अर्थव्यवस्था में भूमिका

सरकारी बैंक सिर्फ पैसों के लेन-देन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये रोज़गार, कृषि, छोटे व्यवसाय और वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देते हैं। यही वजह है कि भारत की आर्थिक व्यवस्था में इनकी नींव बेहद मजबूत मानी जाती है।

बाजार पूंजीकरण के आधार पर भारत के टॉप 10 सरकारी बैंक (21 अप्रैल 2025 तक, BSE डेटा)

बैंक मार्केट कैप (₹ करोड़)

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 7.28 लाख

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) 1.28 लाख

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 1.17 लाख

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 0.98 लाख

केनरा बैंक 0.98 लाख

इंडियन बैंक 0.78 लाख

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) 0.73 लाख

बैंक ऑफ इंडिया (BOI) 0.54 लाख

यूको बैंक 0.39 लाख

बैंक ऑफ महाराष्ट्र 0.39 लाख

टॉप 10 सरकारी बैंकों का संक्षिप्त परिचय

भारतीय स्टेट बैंक (SBI)

भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक

22,500+ शाखाएं और 65,000+ एटीएम

खुदरा, कॉर्पोरेट और डिजिटल बैंकिंग में मजबूत

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर उपस्थिति

9,600+ शाखाएं और 10,000+ एटीएम

पंजाब नेशनल बैंक (PNB)

ऐतिहासिक बैंक, पहले लाहौर में स्थापित

10,000+ शाखाएं और 12,400+ एटीएम

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

डिजिटल बैंकिंग में सक्रिय

8,500+ शाखाएं और 10,000+ एटीएम

केनरा बैंक

1906 में शुरू हुआ, मुख्यालय बैंगलोर

MSME और कृषि फाइनेंस में मजबूत

9,600+ शाखाएं

इंडियन बैंक

1907 में स्थापित

5,800+ शाखाएं और 4,900+ एटीएम

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB)

विदेशी कारोबार और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग पर फोकस

वैश्विक नेटवर्क के साथ घरेलू उपस्थिति

बैंक ऑफ इंडिया (BOI)

मुख्यालय मुंबई

5,100+ शाखाएं

प्रतिस्पर्धी लोन और डिजिटल सेवाएं

यूको बैंक

1943 में स्थापित

ग्रामीण और वित्तीय समावेशन पर ध्यान

हांगकांग और सिंगापुर में भी उपस्थिति

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

1911 में शुरू हुआ

ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मजबूत

4,500+ शाखाओं का नेटवर्क

सरकारी बैंकों की मुख्य विशेषताएँ

विस्तृत सेवाएँ

बचत खाता, एफडी, लोन, क्रेडिट कार्ड, बीमा आदि जैसी सुविधाएँ आम जनता और कंपनियों दोनों को उपलब्ध कराते हैं।

आसान लेन-देन

घरेलू और विदेशी लेन-देन जैसे मनी ट्रांसफर, रेमिटेंस और फॉरेक्स सेवाएँ प्रदान करते हैं।

जमाकर्ताओं का भरोसा

सरकारी बैंकों में जमा राशि सुरक्षित रहती है और ग्राहकों को स्थिरता की गारंटी मिलती है।

नियमों का पालन

आरबीआई और सेबी जैसे नियामक संस्थानों की देखरेख में काम करते हैं और पारदर्शिता बनाए रखते हैं।

जोखिम प्रबंधन

मजबूत गवर्नेंस और सख्त नियमों का पालन कर आर्थिक संकट के समय भी स्थिरता बनाए रखते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में सरकारी बैंकों की भूमिका

– किफायती ऋण उपलब्ध कराना – किसानों, एमएसएमई, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटेल सेक्टर को।

– वित्तीय समावेशन – ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाएँ पहुँचाना।

– सरकारी योजनाओं का संचालन – जैसे जन-धन योजना, मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि।

– बैंकिंग क्षेत्र में स्थिरता – लोगों में भरोसा जगाना और जमा धन की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष

भारत में सरकारी बैंक सिर्फ वित्तीय सेवाएँ नहीं देते, बल्कि देश की आर्थिक रीढ़ भी हैं। ये बैंक हर वर्ग तक बैंकिंग पहुँचाकर समावेशी विकास और स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।

FAQs 

Q1. भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक कौन सा है?

➡️ SBI (भारतीय स्टेट बैंक)।

Q2. सरकारी बैंक क्यों सुरक्षित हैं?

➡️ क्योंकि इन पर सरकार और RBI की गारंटी होती है।

Q3. सरकारी बैंक किसे ज्यादा लोन देते हैं?

➡️ किसान, MSME और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर।

Q4. सरकारी बैंक का मुख्य उद्देश्य क्या है?

➡️ सबको बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना।

Q5. क्या सरकारी बैंक विदेश लेन-देन करते हैं?

➡️ हाँ, फॉरेक्स और रेमिटेंस सेवाओं के जरिए।

Q6. सरकारी योजनाएँ कौन लागू करता है?

➡️ जन-धन, मुद्रा, पीएम आवास योजना जैसे स्कीम सरकारी बैंक चलाते हैं।

Q7. सरकारी और प्राइवेट बैंक में फर्क क्या है?

➡️ सरकारी बैंक सुरक्षित, प्राइवेट बैंक तेज़ और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली।

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